हाल ही मैं लोकार्पित मेरे प्रथम हिंदी काव्य संग्रह होने से न होने तक व् मेरे प्रथम इंग्लिश काव्य संग्रह MORTGAGED के बारे में कुछ सुखद अनुभूतियाँ आप सब सुधिजन के साथ साँझा कर रही हूँ/
'विश्व पुस्तक मेला' प्रगति मैदान, नई दिल्ली में 16 जनवरी 2016 दोपहर दो बजे, अयन प्रकाशन के स्टाल 340, हाल नं 12ए में मेरी सद्य प्रकाशित पुस्तक होने से न होने तक का लोकार्पण सुप्रतिष्ठित साहित्यकार एवं से. नि. ड़ी ड़ी जी दूरदर्शन ,श्री उद्भभ्रांत , दैनिक भास्कर के ब्यूरो चीफ विनोद गौड़, इंडिया टूडे के विजय महर्षि , राजस्थान डायरी के महिपाल सिंह, बीजेपी के नेता जावेद खान, लेखिका वंदना गुप्ता, सुप्रसिद्ध व्यंग्यकार सुनीता शानू, कवयित्री संगीत सेठी व् अयन प्रकाशन के श्री भूपाल सूद व् श्रीमती चन्द्रप्रभा सूद आदि की गरिमामयी उपस्थिति में संपन्न हुआ। उद्भ्रांत जी ने संकलन से कुछ पसंदीदा कविताओं का उल्लेख भी किया/
अतिथियों , मित्रों, रिश्तेदारों को दिल्ली मैं काव्य संग्रह भेंट स्वरूप देने के बाद, यहाँ बेंगलुरु पहुँच कर भी यह सिलसिला ज़ारी है/ दिल्ली से बेंगलुरु की लम्बी यात्रा के दौरान , मेरे सहयात्रियों ने भी पुस्तक पठन का आनंद लिया/ जयपुर की मीना बक्शी व् उनके पिताश्री , मोहाली से सरदार रवजोत सिंह जी व् बेंगलोर के मिलिट्री इंजीनियर विजय कुमार ने हिंदी कविता के साथ ही साथ, मेरी इंग्लिश पोएट्री बुक MORTGAGED से भी कवितायेँ पढ़ी व् सराही / उनके अनुरोध पर दोनों भाषाओँ की कुछ चुनिंदा कवितायेँ उन्हें सुनायी भी/ सौभाग्यवश, यहां इन दिनों बीकानेर से आई हुई मेरी मित्र माया श्रीमाली को भी मिलकर अपनी पुस्तकें भेंट कर पायी / मेरी दक्षिण भारतीय पड़ोसी मित्र इंदिरा जी ने भी बहुत मनोयोग से कवितायेँ पढ़ी, हालांकि कुछ गूढ़ शब्दों के अर्थ जानने मैं उन्हें मेरी मदद की ज़रूरत रहती है/
मेरे काव्य संग्रह के सब से नन्हे पाठक आठ वर्षीय स्पन्दन ( सुपुत्र श्रीमती संगीता सेठी) से प्रशंसा प्राप्त करना एक नितांत अलग सा खुशनुमा अनुभव रहा/ आगाज़ अच्छा रहा; अच्छे अंजाम की भी उम्मीद रखती हूँ/
फ़रवरी माह में पुस्तकें डाक द्वारा पाठकों तक पहुँचाने की प्रक्रिया आरम्भ हो पाएगी/
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