Sunday, February 20, 2011

mn trstaa hai

याद आता है,
वो रूठना ,मनाना,
वो तकरार.
.कितना प्यारा अंदाज़ था 
वो प्यार का
मिल रहा है,
सब से नेह और दुलार
फिर भी मन तरसता है 
.उस तकरार को

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