Sunday, March 6, 2022

दिनांक 5 मार्च, २०२२ इंडियानेटबुक्स एवं बीपी फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित वार्षिक सम्मान समारोह






दिनांक 5 मार्च, २०२२ 
इंडियानेटबुक्स एवं बीपी फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित वार्षिक सम्मान समारोह

इंडियानेटबुक्स एवं बीपी फाउंडेशन के तत्वावधान में आयोजित वार्षिक सम्मान समारोह में देश और विदेश के रचनाकारों को साहित्य , संस्कृति , कला व् समाज सेवा के क्षेत्र में उल्लेखनीय सहयोग के लिए सम्मानित किया गया /इस अवसर पर वरिष्ठ कथाकार ममता कालिया, फ़ारुख अफरीदी,दिलीप तेतरबे, नीरज दइया, रजनी छाबड़ा,चन्द्रकान्ता,सोनी लक्ष्मी राव,सोमनाथ यादव,निर्मला सिंह,सुशांत सुप्रिय ,नन्ही तन्वी कुंद्रा(मुम्बई)सहित कुल २८ लेखक, लेखिकाएं व् समाजसेवी सम्मानित किए गए।

वरिष्ठ साहित्यकार ममता कालिया को उनके समग्र साहित्य के लिए 'वेद व्यास सम्मान' से सम्मानित किया/ अपने सम्बोधन में ममता कालिया जी ने डॉ. संजीव कुमार के लेखक, प्रकाशक व् समाज सेवक के रूप में साहित्य और समाज ले प्रति योगदान को सराहा/ उन्होंने ने कहा कि हिंदी में बहुत अच्छा लिखा जा रहा है, परन्तु अनुवाद कार्य की कमी के कारण हमारे लेखन से विश्व परिचित नहीं/ अनुवाद भाषाओँ के बीच एक सशक्त कड़ी है; इसके माध्यम से हम देश-विदेश के साहित्य से जुड़ सकते हैं/हमें स्तरीय अनुवाद की अत्यन्त आवश्यकता है ताकि बड़े पैमाने पर हिंदी साहित्य की पहुंच और पहचान विस्तार पाए/

वरिष्ठ साहित्यकार फारूक अफरीदी को 'साहित्य रतन' सम्मान से नवाज़ा गया/ अपने उदबोधन में उन्होंने कहा कि इंडिया नेटबुक्स व् बी पी ए फाउंडेशन द्वारा प्रतिष्ठित रचनाकारों के साथ ही साथ नवोदित रचनाकारों को सम्मानित करना सराहनीय पहल है/

रांची से सम्मान ग्रहण करने आये व्यंग्यकार दिलीप तेतरबे ने कहा कि प्रकृति के सुर हमारे साहित्य में भी झलकने चाहिए/

वरिष्ठ व्यंग्यकार डॉ. प्रेम जनमेजय ने डॉ. संजीव कुमार की बाल साहित्य प्रकाशन की शुरुआत की प्रशंसा की/

माननीय अथिति गिरिराज शरण अग्रवाल ने कहा कि समाज को सही दिशा दिखाना साहित्यकार का दायित्व है/ रचना -धर्म की सार्थकता इसी में है/

डॉ. राजेश कुमार ने कहा कि पुरस्कार एक प्रेरक का कार्य करता है/

डॉ. प्रताप सहगल ने सभागार को सम्बोधित करते हुए कहा कि साहित्य मनुष्य की खोज करता है और अंतर्मन में झांकना ही साहित्य है/

बी पी ए फाउंडेशन की निदेशक कामिनी मिश्रा ने भी एक लघुकथा के माध्यम से अपनी बात रखी। घर परिवार के पीछे छूटते जाने पर चिंता जाहिर की और कहा कि हम सबको समाज को एक नई दिशा देने के लिए बहुत कुछ करना चाहिए।

कार्यक्रम का शानदार सञ्चालन किया प्रख्यात व्यंग्यकार व् कवि डॉ. लालित्य ललित ने/ उन्होंने कहा कि डॉ. संजीव ने इंडिया नेटबुक्स को एक परिवार की तरह जोड़ रखा है/

कार्यक्रम के आरम्भ में ही इंडिया नेटबुक्स के प्रबंध निदेशक डॉ संजीव ने प्रकाशन संसथान व् बी पी ए फाउंडेशन की गतिविधियों के बारे मैं जानकारी दी/  इंडिया नेटबुक्स परिवार में बी.पी.ए फाउंडेशन (NGO) ज्यूरिस ग्लोबल लॉ फर्म, बी.पी.ए एडवाइजरी लिमिटेड एवं अनुस्वार पत्रिका शामिल है। डॉ. संजीव ने बताया की अपनी स्थापना के समय से ही परिवार के सभी संगठन सुचारू रूप से चल रहे हैं/

इस मौके पर वर्ष 2021-2022 के लिए सम्मान प्रदान किये गए। वेद व्यास सम्मान वरिष्ठ साहित्यकार ममता कालिया को उनके समग्र साहित्य (लाइफ़ टाइम्स अचीवर्मेंट) लिए दिया गया। भगवती प्रसाद अवस्थी साहित्य रत्न सम्मान 2021-2022 के लिए श्री फ़ारुख़ आफरीदी एवं दिलीप तेतरबे को दिया गया। शिव प्यारी देवी अवस्थी साहित्य रत्न सम्मान 2021-2022 डॉ. शशि सहगल एवं मीनाक्षी गोयल को दिया गया। कालीचरण मिश्र अनुवाद रत्न सम्मान 2021 नीरज दइया एवं कालीचरण मिश्र अनुवाद रत्न सम्मान 2022 रजनी छाबड़ा को दिया गया/

तथा  राजीव अवस्थी बाल रचनाकार सम्मान तन्वी कुंद्रा को दिया गया /जनक दुलारी मिश्र कला सम्मान पेंटिंग से जुड़ी निर्मला सिंह एवं नाट्यकला की विशेषज्ञ उमा झुनझुनवाला को दिया गया।   व्यंग्य यात्रा-सियाराम अवस्थी व्यंग्य रत्न रचना सम्मान के लिए सुशांत सुप्रिय को जबकि व्यंग्य यात्रा-पुष्पा देवी अवस्थी व्यंग्य रत्न आलोचना सम्मान प्रसिद्ध व्यंग्य आलोचक विनोद शाही को दिया गया।   भागीरथी देवी अवस्थी युवा रचनाकार सम्मान चंद्रकांता, राजेश्वरी मंडोरा, सोनीलक्ष्मी राव, दीपक सरीन एवं सुरेश कुमार मिश्रा को प्रदान किया गया।   इसके साथ ही अनुस्वार रत्न सम्मान रणविजय राव, स्नेहा देव, डॉ.दुर्गा सिन्हा, मेधा झा, दीपा स्वामीनाथन, मधुलिका और नितिन उपाध्याय को दिया गया।   इसी प्रकार बी.पी.ए समाज रत्न सम्मान रीता बेंजामिन, नैना वेद, कुसुम दत्ता, संदीप तिवारी एवं सोमनाथ यादव को दिया गया।    यह पहला अवसर था कि निजी प्रकाशक ने रुचि लेते हुए रचनाकारों को नगद राशि,शाल, प्रतीक चिन्ह व् पुस्तकें व् अन्य उपहार भेंट करते हुए सम्मानित किया/ इस अवसर पर दिल्ली,उत्तरप्रदेश, उत्तराखंड,कर्नाटक,पश्चिम बंगाल,महाराष्ट्र, झारखंड,छत्तीसगढ़, हिमाचल प्रदेश,राजस्थान आदि प्रदेशों व् दुबई के लेखकों ने शिरकत की।

 कार्यक्रम का समापन इंडिया नेटबुक्स की सीईओ डॉ मनोरमा के धन्यवाद ज्ञापन से हुआ। उन्होंने विशिष्ट अतिथियों एवं सम्मान ग्रहण करने के लिए अलग-अलग राज्यों से आए साहित्यकारों एवं सभागार में बड़ी संख्या उपस्थित लोगों के प्रति आभार प्रकट किया।





 आज हिंदी भवन, नई दिल्ली में इंडिया नेटबुक्स और बीपीए फाउंडेशन द्वारा आयोजित वार्षिक साहित्यकार सम्मान समारोह में आदरणीया ममता कालिया के हाथों ,' कालीचरण मिश्र अनुवाद रत्न सम्मान' २०२२ ग्रहण करते हुए।

वर्ष २०२१ का यही अनुवाद सम्मान प्रख्यात कवि, आलोचक व् अनुवादक डॉ. नीरज दइया को प्रदान किया गया/ किसी कारणवश दिल्ली मैं आयोजित इस समारोह में उनके न पहुँच पाने के कारण, यह सम्मान भी मैंने ही ममता कालिया जी से ग्रहण किया./